
SRI SRI CHAITNYA CHARITAVALI
By Prabhudatta Brahmachari
Subjects: Biography, chaitnaya charitavali, chaitanya mahaprabhu, prabhudatt, Vaishnavites, prabhudatt brahmchari, Chaitanya (Sect)
Description: ** श्री श्री चैतन्य चरितावली*** परम भागवत संत गौलोकवासी श्री श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी ने गीता प्रेस गोरखपुर के परम श्रदेय भाई हनुमानप्रसाद पोद्दार के विशेष अनुरोध पर गँवा(बदायूँ) में पतित पावन गंगा जी के किनारे वसी श्री हरीबाबा वाली बाँध की कुटिया में 1988 में लिखी। यह अनुपम ग्रन्थ भक्ति की अभिव्यक्ति की पराकाष्ठा का पूरा भाव अपने अंदर समेटे हुए है।भक्ति भाव की व्याख्या के लिए लिखे गए तमाम ग्रन्थो में यह सबसे श्रेष्ठ श्रेणी का है क्योंकि एक ओर तो यह भक्ति के महासागर गौरांग महाप्रभु के भक्तिमय चरित्र की गाथा है,दूसरी ओर इसमें भगवान श्रीकृष्ण को सदैव साक्षात्कार करने वाले महान संत श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी जी की दिव्य लेखनी का समावेश है। एक महान भक्त के भक्तिभाव को कोई भक्त ही वेहतर अभिव्यक्त कर सकता है और यह दुर्लभ संयोंग इस अनुपम ग्रन्थ में बना,इस संयोग से भक्ति की ऐसी धारा प्रस्फुठित हुई जिसे पढ़कर आप स्वम को भक्ति से ओत-प्रोत पाएंगे। चैतन्य चरितावली का यह प्रथम भाग महाराज श्री इसे 5 भागो में लिखा है।इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि तमिल,तेलगु,गुजराती,मराठी आदि भाषाओ में भी अनुवाद हुये।हाल-फिलहाल यह हिंदी भाषा में आश्रम में उपलब्ध है। पेज संख्या- 304(प्रथम खण्ड में) कवर सॉफ्ट कवर पुस्तक प्राप्त करने के लिए संपर्क करे - संकीर्तन भवन धार्मिक न्यास, झूसी,इलाहाबाद पण्डित रामदयाल फाउंडेशन,(म.प्र.) मो.न.09425741068 या अमेजन पर ओर्डर करे https://www.amazon.in/dp/B01M0LHEYO/ref=cm_sw_r_cp_apa_i_.ETyFbE4K4JPP
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